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भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान, लखनऊ के वैज्ञानिकों द्वारा पनियाला बाहुल्य क्षेत्रों का सर्वेक्षण

गोरखपुर 24 नवंबर 2023 भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के अंतर्गत केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान रहमानखेड़ा, लखनऊ के दो प्रधान वैज्ञानिकों डा. दुष्यंत मिश्र एवं डा. सुशील कुमार शुक्ल द्वारा पनियाला बाहुल्य क्षेत्रों यथा लक्षीपुर, नकहा, कुशीनगर,आदि का भ्रमण कर फलों के नमूने इकट्ठे किया गए जिससे इसके फलों का भौतिक एवं रासायनिक विश्लेषण कर उनमें उपलब्ध विविधता का अध्ययन किया जा सके और उपलब्ध प्राकृतिक वृक्षों से सर्वोत्तम वृक्षों का चयन कर भविष्य के लिए न केवल संरक्षित किया जा सके बल्कि उसके पौधों को कलमी विधि से तैयार कर देश में प्रसार किया जा सके| जैसा की आप जानते हैं पनियाला को इंडियन कॉफी प्लम या पानी आंवला के नाम से भी जानते हैं| पनियाला के वृक्ष उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, देवरिया, महाराजगंज क्षेत्रों में पाये जाते हैं| विभिन्न कारणो से इसकी अवैध कटान के कारण अब यह फल लगभग विलुप्त होने का संकट उत्पन्न हो गया है| पनियाला का फल विभिन्न एंटीक्क्सीडेंट्स एवं औषधीय तत्वों से भरपूर है| पूर्वी उत्तर प्रदेश के छठ त्योहार पर इसके फल 300 -400 रुपये किलो तक बिक जाते हैं| इन्हीं कारणों से इस फल को भारत सरकार द्वारा गोरखपुर का भौगोलिक उपदर्श (जियोग्राफिकल इंडिकेटर) बनाने का प्रयास जारी है| यह एक उपेक्षित फल होते हुए भी आज देश के वैज्ञानिकों का ध्यान खीच रहा है| गोरखपुर के जिला उद्यान अधिकारी श्री अरुण तिवारी की मदद से राजकीय उद्यान में उपलब्ध पनियाला के वृक्षों से भी वैज्ञानिकों ने फलों के नमूने एकत्र किये|